भारतीय रिजर्व बैंक की बड़ी कामयाबी: ब्रिटेन से वापस लाया गया 100 टन सोना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत ब्रिटेन से 100 टन से ज्यादा सोना वापस मंगाया गया है। (ब्रिटेनसे 100 टन सोने की वापसी) यह सोना RBI के भंडार में ट्रांसफर किया गया है और आने वाले महीनों में इतनी ही मात्रा में और सोना देश में लाने की योजना है। इस कदम से न केवल देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती मिलेगी, बल्कि भंडारण लागत में भी बचत होगी। ब्रिटेन से 100 टन सोने की वापसी
भारत ने क्यों रखा था 46.91 टन सोना गिरवी?
1991 में, भारत को एक गंभीर भुगतान संतुलन संकट का सामना करना पड़ा था। उस समय चंद्रशेखर सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था। इसका उद्देश्य 400 मिलियन डॉलर जुटाना था, जो कि देश की तत्काल वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक था। इस सोने को पहली बार अब RBI के स्टॉक में शामिल किया गया है, जिससे यह एक ऐतिहासिक कदम बन गया है। ब्रिटेनसे 100 टन सोने की वापसी
A news every Indian will be proud on😍
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) May 31, 2024
Thanks to PM @narendramodi , Government of India has brought back 100 ton GOLD from Britain. In 1991, during Congress govt , the then Finance minister Manmohan Singh mortgaged 100 Ton GOLD in Britain.
Another 100 Ton will be further… pic.twitter.com/Kq15gcwsAw
क्या है RBI के गोल्ड भंडार को विदेशी बैंकों में रखने का मुख्य कारण ?
RBI के आधे से अधिक गोल्ड भंडार विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित रूप से रखे गए हैं। इसका एक बड़ा हिस्सा विदेशी बैंकों में रखने का मुख्य कारण यह है कि इससे विदेशी मुद्रा के प्रवाह को बनाए रखना आसान होता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। हालाँकि, इस सोने को विदेश में रखने से भंडारण लागत भी जुड़ी होती है, जिसका भुगतान RBI को करना पड़ता है। ब्रिटेनसे 100 टन सोने की वापसी का एक मुख्य कारण यह भी है कि इससे भंडारण लागत में कमी आएगी।
सोने की वापसी से भारत को क्या-क्या होंगे फायदे?
- भंडारण लागत में बचत: सोने को देश में लाने से विदेशी बैंकों को दी जाने वाली भंडारण लागत में बचत होगी। यह लागत बचत सीधे तौर पर देश के वित्तीय संसाधनों को बेहतर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करेगी।
- सुरक्षा में वृद्धि: देश में सोना रखने से इसकी सुरक्षा में वृद्धि होती है। विदेश में रखे सोने की सुरक्षा में भले ही कोई कमी न हो, लेकिन देश में इसे रखने से इससे जुड़े जोखिमों को कम किया जा सकता है।
- मौद्रिक स्थिरता: सोने को देश में रखने से मौद्रिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे RBI की क्षमता बढ़ेगी कि वह किसी भी वित्तीय संकट के दौरान त्वरित और प्रभावी कदम उठा सके।
ब्रिटेनसे 100 टन सोने की वापसी से भारत को होने वाले आर्थिक फायदे
भारत के पास 31 मार्च 2024 तक 822.10 टन सोना था, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 794.63 टन था। यह दर्शाता है कि भारत ने अपने सोने के भंडार को लगातार बढ़ाया है। सोना एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन है जो देश की वित्तीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्रिटेनसे 100 टन सोने की वापसी से न केवल देश के आर्थिक संसाधनों को मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे देश की आर्थिक सुरक्षा भी बढ़ेगी।
क्या होता है सोने का भंडार?
सोने को सुरक्षित रखने के लिए विशेष भंडारण सुविधाओं की आवश्यकता होती है। RBI के पास भारत में कई सुरक्षित भंडारण सुविधाएं हैं, जहां यह सोना रखा जा सकता है। ये सुविधाएं अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों से लैस होती हैं, जिससे सोने की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। सोने की सुरक्षा के लिए इन भंडारण सुविधाओं में तापमान नियंत्रित वातावरण, 24/7 निगरानी और आधुनिक सुरक्षा प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
सोने का भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक या सरकारी एजेंसी के पास सुरक्षित रखा गया सोने का भंडार होता है। इसे राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में माना जाता है और इसका उपयोग वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, आपातकालीन स्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान करने, और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विश्वास बढ़ाने के लिए किया जाता है।
सोने के भंडारण और प्रबंधन में अंतरराष्ट्रीय महत्व क्या है?
सोने का भंडारण और प्रबंधन केवल राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय महत्व भी रखता है। विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को सुरक्षित और प्रबंधित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करते हैं। कुछ देश अपने सोने का एक बड़ा हिस्सा विदेश में रखते हैं, जबकि कुछ इसे देश में ही सुरक्षित रखते हैं। भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और इससे देश की वित्तीय स्थिरता को और मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
RBI का यह कदम, जिसमें ब्रिटेन से 100 टन से ज्यादा सोना वापस मंगाया गया है, देश के वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल भंडारण लागत में बचत होगी, बल्कि देश की आर्थिक सुरक्षा भी बढ़ेगी। इस सोने को वापस लाने से RBI की मौद्रिक स्थिरता को बनाए रखने की क्षमता भी बढ़ेगी। इस कदम से देश की आर्थिक स्थिति को और मजबूती मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की वित्तीय स्थिति को एक नई पहचान मिलेगी।